Thursday, November 25, 2010

उन्हें आज भुलाने निकले

याद में उनकी आँख से, आंसू ये निकले,
कोशिश बहुत की रोकने की,
नहीं रुके, और ज्यादा बह निकले,
दिल के जज्बातों को छूने,
आज ये अहसास निकले,
आवारा से ये ख्याल तो,
आज मेरी परछाई को ढूंढने निकले,
उठा करते थे जो तूफान दिल में,
वो आज यादों को भुलाने निकले,
मिले हैं जिंदगी में जो उनसे,
उन्ही ग़मों को आज भुलाने निकले,
मुहब्बत में मिले जख्मों को,
जमाने से आज छुपाने निकले,
दिल से जिन्हें हमेशा चाहा,
उन्हें आज भुलाने निकले,

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