
मित्रों, यहाँ मुझे अपने पुत्र प्रेरक को प्रस्तुत करते हुए बड़ी ख़ुशी हो रही है. बाल सुलभ मन वैसे तो नित नयी चीज सीखने की प्रक्रिया में व्यस्त रहता है, लेकिन अगर उसकी प्रतिभा को पहचान कर उसे सही दिशा दे दी जाये तो वह भविष्य में नए आयाम स्थापित कर सकता है. इसी प्रक्रिया से गुजर रहे प्रेरक की बनाई एक कलाकृति प्रस्तुत कर रहा हूँ. आशा है आपको पसंद आएगी. वह अपने नाम की सार्थकता को भविष्य में सिद्ध कर जीवन की ऊँचाइयों को छुए इसके लिए आप सभी उसके उज्जवल भविष्य की कामना करें, यह मेरी "गुजारिश" है.
बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteबहुत सुंदर चित्र और रंगों का संयोजन भी बहुत अच्छा है |प्रेरक को मेरी तरफ से उज्जवल भविष्य की शुभकामनाए|
ReplyDeleteएक ओर बात हरी घास पर दिया गया विशेष प्रभाव बहुत सुंदर लग रहा है |
ReplyDeleteबहुत सुन्दर चित्र है| प्रेरक को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाए|
ReplyDeleteब्लागजगत पर आपका स्वागत है ।
ReplyDeletebahut sunder .
शुभकामनाएं
ReplyDeleteइस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteलेखन के मार्फ़त नव सृजन के लिये बढ़ाई और शुभकामनाएँ!
ReplyDelete-----------------------------------------
जो ब्लॉगर अपने अपने ब्लॉग पर पाठकों की टिप्पणियां चाहते हैं, वे वर्ड वेरीफिकेशन हटा देते हैं!
रास्ता सरल है :-
सबसे पहले साइन इन करें, फिर सीधे (राईट) हाथ पर ऊपर कौने में डिजाइन पर क्लिक करें. फिर सेटिंग पर क्लिक करें. इसके बाद नीचे की लाइन में कमेंट्स पर क्लिक करें. अब नीचे जाकर देखें :
Show word verification for comments? Yes NO
अब इसमें नो पर क्लिक कर दें.
वर्ड वेरीफिकेशन हट गया!
----------------------
आलेख-"संगठित जनता की एकजुट ताकत
के आगे झुकना सत्ता की मजबूरी!"
का अंश.........."या तो हम अत्याचारियों के जुल्म और मनमानी को सहते रहें या समाज के सभी अच्छे, सच्चे, देशभक्त, ईमानदार और न्यायप्रिय-सरकारी कर्मचारी, अफसर तथा आम लोग एकजुट होकर एक-दूसरे की ढाल बन जायें।"
पूरा पढ़ने के लिए :-
http://baasvoice.blogspot.com/2010/11/blog-post_29.html