Tuesday, November 16, 2010

एक व्यंग

हिंदी की क्लास मे,
मास्टरजी पढ़ा रहे थे,
हिंदी को अंग्रेजी मे ट्रांसलेट करना,
बच्चों को सिखा रहे थे.
मास्टरजी की सोच थी कि वह,
हिंदी को एक नई दिशा देने का प्रयास कर,
अनर्थ का अर्थ बना रहे है,
बच्चों की सोच थी कि,
मास्टरजी आज कैसा,
अर्थ का अनर्थ पढ़ा रहे है.
गलती मास्टरजी की नहीं,
क्योंकि,
वह तो अपने पैतृक गुण बता रहे थे,
माँ देशी और बाप विदेशी था,
इसीलिए मदर टंग को फादर टंग बना रहे थे.
हिंदी को अंग्रेजी मे ट्रांसलेट कर,
पिता के प्रति अपनी पितृभक्ति,
बच्चों के सामने जता रहे थे.
.......जय हो.

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